नई दिल्ली, 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । अब मुंडारी, संताली, पुई, गोंडी और भीली आदिवासी भाषा का हिंदी और अंग्रेजी में अनुवाद हो सकेगा। सोमवार को जनजातीय कार्य मंत्रालय की पहल पर आदिवाणी ऐप की शुरुआत की गई। यह जनजातीय भाषाओं का अनुवाद करने में सक्षम है।
अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में जनजाति मामलों के राज्यमंत्री दुर्गादास उइके भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि इस ऐप के जरिये आदिवासी भाषाएं डिजिटल और ग्लोबल होंगी। आदिवासी भाषाओं के डिजिटलीकरण की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। भविष्य में इसके जरिये लोगों तक जनोपयोगी सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी।
इसको बनाने में आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी रायपुर और बिट्स पिलानी जैसे तकनीकी संस्थानों से मदद की। रांची, रायपुर, ओडिशा और मध्यप्रदेश के जनजातीय शोध संस्थानों ने भाषा और शब्दावलियों को उपलब्ध कराया है।
इस ऐप के जरिये टेक्स्ट, वॉइस या डॉक्यूमेंट को बस टाइप या अपलोड करना है। यह उसका अनुवाद तुरंत कर देता है। इसके जरिए आदिवासी भाषा का अनुवाद हिंदी और अंग्रेजी में हो सकता है। फिलहाल ऐप के जरिये पांच आदिवासी भाषाओं को जोड़ा गया है। झारखंड से मुंडारी, ओडिशा से संताली और पुई, छत्तीसगढ़ की गोंडी और मध्यप्रदेश की भीली भाषा शामिल है। भविष्य में इसमें और भाषाओं को जोड़ा जा सकेगा। यह ऐप सिर्फ अनुवाद ही नहीं करता है, बल्कि शब्दकोश का भी काम करता है।
—————
(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
You may also like
इंटीरियर डिजाइनर नव्या मलिक ड्रग्स की 'क्वीन', अश्लील वीडियो ने खोला काला राज!
IPL: स्टेडियम में बैठकर मैच देखना पड़ेगा महंगा, टिकट के लिए देने होंगे ज्यादा पैसे
क्या बिहार यात्रा के बाद राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के बीच बनी राजनैतिक खाई, वीडियो में जाने 5 पॉइंट्स जो देते है इस बात की गवाही
ताजमहल` का वो दरवाजा जिसे खोलने से सरकार भी डरती है, क्लिक करके जाने पूरी खबर
ENG vs SA ODI Record: इंग्लैंड बनाम साउथ अफ्रीका, यहां देखिए ODI हेड टू हेड रिकॉर्ड