नेपाल की राजधानी काठमांडू में सियासी हलचल तेज हो गई है। खबरें आ रही हैं कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली देश छोड़कर विदेश भागने की योजना बना रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, नेपाल में बढ़ते राजनीतिक संकट और उनकी सरकार पर बढ़ते दबाव के बीच ओली किसी दूसरे देश में शरण ले सकते हैं। यह खबर नेपाली राजनीति में भूचाल ला रही है, क्योंकि देश पहले ही आर्थिक और सामाजिक समस्याओं से जूझ रहा है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या ओली का यह कदम नेपाल को और गहरे संकट में धकेल देगा?
क्यों उठ रहे हैं भागने की अटकलें?हाल के दिनों में ओली की सरकार को कई मोर्चों पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी दलों ने उनकी नीतियों और प्रशासन पर सवाल उठाए हैं, जबकि आम जनता भी बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से परेशान है। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ओली पर सत्ता छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है, और इसी वजह से वह विदेश में शरण लेने की सोच रहे हैं। हालांकि, ओली के करीबी नेताओं ने इन खबरों को सिरे से खारिज किया है और इसे विपक्ष की साजिश बताया है। लेकिन सवाल यह है कि अगर ओली सचमुच देश छोड़कर भागते हैं, तो नेपाल का भविष्य क्या होगा?
कहां ले सकते हैं शरण?सूत्रों की मानें तो ओली किसी पड़ोसी देश या फिर किसी पश्चिमी देश में शरण लेने की योजना बना रहे हैं। खासतौर पर भारत और चीन के नाम चर्चा में हैं, क्योंकि दोनों देशों के साथ नेपाल के गहरे रिश्ते हैं। इसके अलावा, कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि ओली किसी यूरोपीय देश में भी जा सकते हैं, जहां वह राजनीतिक शरण मांग सकते हैं। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, जिससे इन अटकलों की पुष्टि हो सके। फिर भी, नेपाली जनता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें इस घटनाक्रम पर टिकी हुई हैं।
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