नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का इंतज़ार अब खत्म होने वाला है। कई महीनों से इस पद के लिए नामों की चर्चा चल रही थी, लेकिन अब खबर है कि जल्द ही इसकी घोषणा हो सकती है। इसका सबसे बड़ा कारण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और BJP के शीर्ष नेतृत्व के बीच पहले से चली आ रही तल्खी का कम होना माना जा रहा है।
RSS और BJP के बीच सुलह की कोशिशेंपिछले कुछ महीनों से RSS और BJP के बीच रिश्तों को सामान्य करने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं। दोनों संगठनों के बड़े नेताओं ने इस दिशा में कदम उठाए हैं। सूत्रों की मानें तो अब BJP जल्द ही अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर सकती है। इस खबर ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है।
2014 के चुनाव और RSS की नाराज़गी2014 के लोकसभा चुनाव से पहले BJP के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने RSS की जरूरत को लेकर एक बयान दिया था, जिससे हर कोई हैरान रह गया। नड्डा ने कहा था कि BJP को अब RSS की जरूरत नहीं है। इस बयान से RSS नाराज़ हो गया था। इसका असर 2024 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिला, जब BJP का ‘अबकी बार 400 पार’ का नारा हकीकत में नहीं बदल सका और पार्टी 240 सीटों पर सिमट गई। कहा जाता है कि RSS कार्यकर्ताओं ने इस बार BJP का उत्साह के साथ समर्थन नहीं किया।
PM मोदी और अमित शाह की RSS को सलामी15 अगस्त को लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने RSS की तारीफ की और इसे दुनिया का सबसे बड़ा NGO बताया। इसके बाद RSS प्रमुख मोहन भागवत ने दिल्ली के विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम में कहा कि राजनीति और समाज सेवा में रिटायरमेंट की कोई उम्र नहीं होती। इससे पहले भागवत ने 75 साल की उम्र में रिटायरमेंट की बात कही थी, जो PM मोदी की उम्र के संदर्भ में चर्चा का विषय बनी, क्योंकि वे इसी साल 75 साल के हो रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी RSS की तारीफ में पीछे नहीं रहे। उन्होंने कई मौकों पर कहा कि उन्हें स्वयंसेवक होने पर गर्व है। शाह ने साफ शब्दों में कहा कि RSS का कार्यकर्ता होना कभी नकारात्मक नहीं हो सकता और जब तक भारत फिर से महान नहीं बन जाता, तब तक कोई स्वयंसेवक रुकेगा नहीं।
रिश्तों में सुधार, नया अध्यक्ष जल्दBJP और RSS के बीच रिश्तों में आए इस सुधार ने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति की संभावनाओं को बल दिया है। सूत्रों का कहना है कि दोनों संगठन मिलकर जल्द ही इस पद के लिए अंतिम नाम पर मुहर लगा सकते हैं। हालांकि, RSS हमेशा कहता रहा है कि वह BJP या सरकार के काम में दखल नहीं देता।
रेस में ये 4 दिग्गजनए राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में कई बड़े नाम चर्चा में हैं। सबसे आगे हैं केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, जिन्हें मध्य प्रदेश में ‘मामा’ के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का नाम भी जोर-शोर से लिया जा रहा है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी इस दौड़ में शामिल हैं। BJP अपने फैसलों से अक्सर सियासी पंडितों को चौंकाती रही है, ऐसे में यह देखना रोमांचक होगा कि अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनता है।
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