स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली के लाल किले पर देशभक्ति का जोश चरम पर था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरंगा फहराकर देश को संबोधित किया, लेकिन इस खास मौके पर कांग्रेस पार्टी के बड़े चेहरे नदारद रहे। ना तो लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी दिखे और ना ही राज्यसभा में विपक्षी दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे। यहाँ तक कि सोनिया गांधी भी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं। इस गैरहाजिरी ने सियासी हलकों में हंगामा खड़ा कर दिया है।
BJP ने साधा निशानाभारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस की इस अनुपस्थिति पर तीखा हमला बोला है। BJP प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि विपक्ष के नेता का पद कोई साधारण पद नहीं, बल्कि एक संवैधानिक जिम्मेदारी है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय आयोजन में शामिल ना होना कांग्रेस नेताओं की गैर-जिम्मेदारी को दर्शाता है। पूनावाला ने सवाल उठाया कि आखिर राहुल गांधी और खड़गे इस मौके पर कहाँ थे?
कांग्रेस की चुप्पी, सवाल बरकरारकांग्रेस की तरफ से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। राहुल गांधी, खड़गे और सोनिया गांधी की गैरमौजूदगी ने ना सिर्फ BJP को हमला करने का मौका दिया, बल्कि आम लोगों में भी चर्चा का विषय बन गया है। क्या यह कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा था या फिर कोई और वजह? यह सवाल हर किसी के मन में कौंध रहा है।
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