राकेश पांडेय
गाज़ीपुर। दिल्ली में हुए खौफनाक धमाके ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस घटना के बाद जांच एजेंसियां और खुफिया विभाग हाई अलर्ट पर हैं। उत्तर प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मऊ, बरेली, मुरादाबाद और पूर्वांचल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। लेकिन गाजीपुर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस कप्तान और जिलाधिकारी लगातार कांबिंग और अभियान चला रहे हैं, फिर भी यहां की स्थिति ‘चिराग तले अंधेरा’ वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है।
अफीम फैक्ट्री के पास संदिग्ध कारगाजीपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र में देश की इकलौती अफीम फैक्ट्री है, जो अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही है। इस फैक्ट्री में अफीम का शोधन, संकलन और नमूने विदेश भेजकर जीवन रक्षक दवाएं तैयार की जाती हैं। यह फैक्ट्री देश के लिए गर्व का प्रतीक है। एक और अफीम फैक्ट्री नीमच में है, लेकिन वहां सिर्फ नमूनों की जांच और अन्य काम होते हैं, शोधन और संकलन नहीं। हैरानी की बात यह है कि इसी गाजीपुर की अफीम फैक्ट्री के ठीक बगल में, बीएसएफ जवानों के बैरिकेड के सामने वेंडिंग जोन में एक लावारिस इंडिका कार पड़ी हुई है। कार के पांचों गेट लॉक हैं, बोनट बंद है, और बाहर से कार की हालत प्रदूषण और धूल से खराब हो चुकी है।
स्थानीय लोगों ने जताई चिंतास्थानीय लोग और आसपास के मुहल्लों के निवासी इस कार को लेकर चिंतित हैं। कुछ लोगों ने ट्रैफिक के वरिष्ठ अधिकारी मनीष कुमार को फोन पर इसकी जानकारी दी थी। इसके बाद एक ट्रैफिक कर्मी मौके पर आया और जांच के बाद चला गया। लेकिन एक हफ्ते से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह कार अभी भी उसी जगह पर पड़ी है और इसे भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। दिल्ली धमाके के बाद देश भर में सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरती जा रही है, लेकिन गाजीपुर में इस तरह की लापरवाही सवाल खड़े कर रही है।
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